Wednesday, November 06, 2024

Udasi

 There is pain, there is sadness. Don't know which is more: it doesn't matter. I shall overcome is the song to hum for now. 

आज उदासी है 
अंदर बाहर पसरी खामोशी के दरमियाँ
ख़ाली मन की चित्कार
बड़ी कुशलता से छुप चली है 
अपनी अंदर समेटें रुदन को 
कि बाहर आने की
व्यक्त होने की
अब वजह नहीं 
मनचाहे श्रोता सो चुके है 
ओढ़े नींद की गहरी चादर 
जो बेशक़ीमत है 
और मेरी बात, जज़्बात ओछे, सस्ते 
सो मैं आँचल में ख़्वाब सँभाले
गिन रही हूँ पल
जो तक़दीर ने किए हवाले !
an 
Na jagah na wajah bachi

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