Friday, October 18, 2024

तुम क्या हो मेरे?

Today Pash tagged me as his 'alter ego'. And I started diving deep into the definition. Knowing him is a miracle. The comfort of company comes without guilt and with no expectations other than staying connected while breath remains.


पता नहीं तुम 

क्या हो मेरे

या हमारा तुम से क्या रिश्ता है -

आल्टर ईगो 

या, अंतरंग मित्र

किस परिभाषा में सीमित है 

मेरा अहँ

जो तुम में मेरा मैं ढूँढता है

तुम्हारी कहानियों के रंग से

अपना मन भरता है 

दर्द तुम्हारा मेरा दिल को छु कर 

अक्सर आंसू बन

बह चलता है...

बस तुम से तुम पे ही 

अब तो 

बिन माँगे हर चाहत दिल की 

निर्भीक पल पल 

केवल तुम पर ही 

इनका वज़न धरता है !

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