Sunday, January 15, 2012

कई तस्वीरें बिखरी पड़ी हैं
एल्बम में सहेजी
या पिकासा, फेसबूक के
पृष्ठों पे दर्शित
अमूल्य है हर प्रिये प्रियसी
का हार बनी
कोई एक जीवनी का
हिस्सा हैं -
पर मेरे मन से
सब घुल मिट रच बसा है
वोह जिस की प्रतिबिम्ब
तस्वीर बनी
उसकी अनमोल अमूल्य
भिन्न रचना है.


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