Sunday, October 19, 2014

हर कहानी वही है


वक़्त के दलदल पे
लुढ़कते फिसलते
कई रस्सी लगी हाथ -
बस वो जो सिरा
था तुमसे जो मिला
जब उसे पकड़ लिया 
तब जा पैर जमा 
तेरे बन्दे ने ली
राहत की अंगड़ाई है ।

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