Wednesday, December 31, 2014

No one, none other than You
Casts a spell so serene
That no matter where I dwell
I am immersed in
Silent remembrance of You.

Monday, December 15, 2014

दिल ने कई बार
तुम्हें ज़िंदगी से मिलवाया है
कभी हँसी से
कभी मुस्कुराहटों से 
दो चार करवाया है
वो ना होता तो ज़िंदगी से गले 
तुम क्या ख़ाक मिलते
तुम्हारी तन्हाईयां उस की 
धकधक से सदा गुलज़ार बनी
कई ऊँचाइयों को
इसी धड़कन ने सर करवाया है
तो आज इतनी आसानी  से
क्यूँ दामन झटक यूँ मूंह मोड़ चले
इक तो वक़्त संगदिल ठहरा
और तुम भी चिरागों को बुझा छोड़ चले?
थोड़ा ठहरो मेरे दोस्त
सुनो ज़ौक़े तक़ाज़ा ये है -
प्यार में रूठने मनाने की
अदा बाक़ी रहे
कल तुम रूठे पिभरे थे
दिल ने था साथ दिया 
आज मनाने की तुम्हारी बारी है
रूठा दिल है अपने दिलबर से 
है तव्वजह  का तलबगार बना
हक़ है उसका, बहला लो ज़रा
आख़िर दिल अपना ही तो है
और वो तो बच्चा है जी
साथ बैठो उसे वक़्त के अंधेरों
से कहीं डर  न लगे
प्यार की लौ को हवा दो
कि बेवक़्त कहीं सर्द न पड़े। 


Sunday, December 14, 2014

इस साल का संकल्प

अबके बरस मेरे घर
बस एक दीया जले
हम तुम की महफिल 
बहुत ख़ूब सजे
कुछ यूँ कि 
बिखरती रौशनी मे
ख़ुदी को सिर्फ़
मेरा ख़ुद 
या खुदा दिखे।

Sunday, December 07, 2014

Mellow me not,
Let my cinders burn
Turn to amber and glow
I hear the promise 
Of winter's thaw, 
As winds of time 
Make a switch
To fan and drive out chill
Off me 
The flames will leap and rise
In it's varying hue
You shall see
My spirit dance -
In abandon 
I'll move only for You.

Saturday, December 06, 2014

On and on 
In life as I strive to row
I've found -
People have come
And people will go
Some have broken my heart 
Some healed my soul
Through them I learned
To evolve and grow
With their support
I engaged to sow
Seeds of Karma that'll yield 
In harvest I could reap
Shades of sorrow
Or, Colours of joy 
Regardless what I crave for most
Is liberation and ability to know
When curtain's called down to end 
I click my heels to return
I know for certain 
When I leave to exit
I have ended well my final show!