Tuesday, April 29, 2014

बरसो बहार

ज़िंदगी बहार से
उधार माँगती है
प्रेम लत तज
हर रंग से सज
फिर जीने का
क़रार माँगती है -
सो दिल ने कहा है
सुनो इस बरस तुम
खुल के बरसो बहार।

Friday, April 25, 2014

क्यूँ पूछते हो?

तुम पूछते हो -
क्या कर रही हो तुम?
मैं सोचती हुँ
वही तो कर कर रहें
हर हम-तुम -
ख़ुद के साथ रह सह
अाप से अापी को कह
समय के प्रवाह संग बह
जी रहें सभी अपनी लय में
मन के अंतराल मे गुम।

Sunday, April 20, 2014

Life is so sour sweet

Experience of life speaks -
It's sour and sweet
Its every pulse every beat
Is designed as such
To Bring heart close by
To perceive wonders
Of Haqq, Hikmah and Hayy
A touch of spice
A grace of bland
Arduous heights
Tumultuous low
In all I see -
The life's ebb and flow
Serves as friend and alibi
It is a means to restore
The wanderer is brought
Home from being adrift 
He's pulled back to shore.

Thursday, April 10, 2014

हैरान हुँ -
मेरी ख़िज़ां के ज़िम्मेवार
गुलों के रंगो बू का 
मुझ से ख़ुमार मांगते हैं
बंदगी में ख़ुदाई से 
हुँ मैं तलबगार
कि उनके चमन में रहे 
सालो साल वह बहार
जिसके पैमाने का
मेरे सिम्तो सू से 
वो क़रार माँगते हैं!

Wednesday, April 09, 2014

अलविदा

जाओ सब जाओ
याद फ़रियाद
यहाँ ना वक़्त है, ना मकान
मेरे दिल की हर गली
है अब विरान
मुझे बस इस खामोश आँगन
के सन्नाटों में
सिर्फ विर्द समेत
बसने दो।

Tuesday, April 01, 2014

In this hour of night
When silence vies with light
I sit with Him
And ask
Let dawn break
Take me to another day
My soul wants taste
Death closer in life.