Sunday, April 23, 2017

तुम्हीं सम्भालो -
उसे जिसे ज़िंदगी जीने का शऊर नहीं!

वो कला जो दुनियादारी कहला
मेरे अपनो में है मशहूर हुई
ना सिखलायी तुम ने
ना इसके सलीक़े की अदा
इस कोरे दिल को
कभी मंज़ूर हुई।

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