आधे अधूरे हम रहे
बाँटे बटे से तुम -
क्या इस तक़दीर को लिख
विधाता ने दिया जन्म?
नकारता है मन यूँकी
अपने रास्ते चुनता इंसान है
और पुराण में पूर्णता
ही रब की पहचान है
फिर मुकम्मल करना
कामिल का कमाल
और शान है ।
A personal expression of experience of love
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