इस बिखरी बदलती दुनिया में -
कई साथ मिला
कुछ बिछड़ गए
पर रब रैन ढले
जो मनन किया
दिल के तहों ने
नाज़ किया
नित रोज़ बदलते रिश्तों में
प्रीत अनूठी पाकीज़ा
तेरीं क़ुदरत के अनमोल रतन
मेरे दोस्त बड़े ही अच्छे हैं
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