निशा के आँगन में
चांदनी कुछ इस तरह छिटकती है
जैसे मेरे दामन में
तन्हाई बस्ती है
और सुना है
ऐसे में ख़ामोशी
कुछ यूं आहट करती है
जब इक धड़कन कहती है
तो दूजी सुनती है ---
तो क्या सुना तुम ने?
A personal expression of experience of love
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