भोर हुई है
सूरज बस निकलने ही वाला है
बादलों का पट सीना चीर कर
अपनी भरपूर चमक लिए
धुप से धरती का ये सिरा
सहलाने गुदगुदाने -
पता है जो
यहाँ बड़ी देर तलक
तारीक शब का बसेरा था
उफ़ यहाँ कितना अँधेरा था।
सूरज बस निकलने ही वाला है
बादलों का पट सीना चीर कर
अपनी भरपूर चमक लिए
धुप से धरती का ये सिरा
सहलाने गुदगुदाने -
पता है जो
यहाँ बड़ी देर तलक
तारीक शब का बसेरा था
उफ़ यहाँ कितना अँधेरा था।
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