Tuesday, June 14, 2022

रब तू किसका?

 होड़ लगी है -

ढूँढ रही जो भीड़ समक्ष

अपने अपने रब को

इक हलचलइक कोलाहल में;

मैं बुद्धि विपरीत लिए

हार साधबस लुप्त सी

ताड़ूँ सर्वश्रेष्ठ सजन को 

केवल विरक्त मौन क़ल्ब में।

No comments: