मेरा बेटा
मेरा प्यारा
कैसे छोड़ दें
बाप और माँ
ये जानते बुझते
दुनिया के बदमस्त हंगामे
दूषित करते परवाज़ों को
थोड़ी भी चूक
खाने पीने
सफ़ायी. सच्चाई से जीने में
हिला देगी
नींव आने वाले कल
और कल के कल की -
क्यूँकि ये उम्र बड़ी छोटी
और आयु आख़िरत की
निरंतर अंतहीन सालो साल है ।
1 comment:
वात्सल्य की वाटिका
सुत सजे नरगिस
पुलकित पुष्पित पल्लवित
जैसी परवरिश!
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