होती जो बात
सिद्क़ और सदाक़त की
तब कहीं आस होती
सिद्क़ और सदाक़त की
तब कहीं आस होती
ताउम्र तेरी रफ़ाक़त की;
सो सिले लबों को
सो सिले लबों को
जुंबिशें ना देना
यूँ भी -
वफ़ा है बात
यूँ भी -
वफ़ा है बात
ज़रा नज़ाकत की!
A personal expression of experience of love
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