हंसो और खुश रहो
कि ज़िंदगी छोटी है
और वक्त है कम
न जाने कब हो
इस की, उसकी
आँख नम
तो स्वयं को थाम
वक़्त को अपनी
रफ़्तार से जाने दो
हँसी ख़ुशी का जाम
हर महफ़िल में
बस छलछलाने दो.
A personal expression of experience of love
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