Thursday, January 31, 2013

कहने सुनने को
अब हम तुम ही है
बस तो
इस से पहले कि बात बढे
शिकायतों का सिलसिला चले
एक दरख्वास्त बता दूं ?

दुआ समझ कर पूरी कर दो ....

एक कुटिया किनारों पे तामीर करा दो
साहिल से सागर को तका करुँगी
ना मेरा आँचल भीगेगा
ना तुम्हारी ओर
कोई अंगुली उठेगी।

After writing this Your hands led me to the FB page and guess what I read written there :)


Rent a house for me in Your neighborhood
I can't stay away from you.
~Rumi♥


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