ना तुम दामन छोड़ते हो
ना मन विरह का सिरा थामता है
धूप दे झलक अगर
एक भी किरण से
तो दीवाना दिल झूमता, मचल
उड़ने का बहाना माँगता है.
ना मन विरह का सिरा थामता है
धूप दे झलक अगर
एक भी किरण से
तो दीवाना दिल झूमता, मचल
उड़ने का बहाना माँगता है.
A personal expression of experience of love
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