Friday, February 17, 2017

ना तुम दामन छोड़ते हो
ना मन विरह का सिरा थामता है
धूप दे झलक अगर
एक भी किरण से
तो दीवाना दिल झूमता, मचल
उड़ने का बहाना माँगता है.

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