गुचों की रंगों बू से
अपना गुलदस्ता सजाने के लिए
खून और पसीने से सींचता है, बाग़बान
ना कि सोख्ता है सिर्फ पाने के लिए.
अपना गुलदस्ता सजाने के लिए
खून और पसीने से सींचता है, बाग़बान
ना कि सोख्ता है सिर्फ पाने के लिए.
A personal expression of experience of love
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