A personal expression of experience of love
प्यास है तो सही
मगर क्यूँ किस लिए
सर्वतत्व से आभूषित हूँ
छत अपनी
संतान सुखी
है लोभ नहीं
धन माया प्रलोभन मुक्त हूँ
फिर क्यों है वितृषित, अनजान
क्या चाहे मन है?
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