दिल मेरा है स्लेट (slate)
मदरसा का, और
सोलह से साठ के सफ़र में
ये तख़्ती घिस चुकी है
सबक़ पढ़ते, सीखते;
हर बार पलट परीक्षा में
एक ही सवाल परोसा जाता हैं
प्यार का -
'हाँ' कि 'ना'?
प्यार अमोल है
जाने किस घड़ी, कभी
मेरी रूह की पत्री पर
ये पाठ गुदा गया ऐसा
कि हर बार
'हाँ' लिख आते हैं हम
फिर परिणाम वही -
जी आप फिर FAIL हैं।
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